वॉलमार्ट ने रिश्वत दी...
वॉलमार्ट ने कहा है कि वह इस बात की जांच कर रहा है कि उसने भारत, चीन और ब्राजील में अमेरिका के रिश्वत विरोधी कानून का कथित उल्लंघन किया है।वॉलमार्ट के इस कथन से घरेलू फुटकर बाजार में विदेशी कंपनियों के आने का विरोध करने वालों को एक और हथियार मिल जाएगा। अगले शीतकालीन अधिवेशन में इस आरोप के खुलासे के बाद सरकार की मुसीबतें और बढ़ जाएंगी। जब से वैश्विक पुनरीक्षण (ग्लोबल रिव्यू) और घूस विरोधी कार्यक्रम के लागू होने की बात आगे बढ़ी है, कंपनी ने फॉरेन करप्ट प्रैक्टसेज एक्ट (एफसीपीए) के उल्लंघन के मामलों को पहचाना और उस बारे में जागरूकता बढ़ाई है। वॉलमार्ट के वक्तव्य में कहा गया है कि यदि आरोप लगते हैं या पहचाने जाते हैं तो वे तीसरे पक्ष के सलाहकारों के साथ जांच करते हैं और जब वह पूरी होती है तो उसका खुलासा किया जाता है। वॉलमार्ट ने माना कि मैक्सको के मामले में भी ऐसी शिकायतें मिली हैं।
न्यू यॉर्क टाइ्स की अप्रैल की खोजी रपट बताती है कि वॉलमार्ट ने मैक्सको में घूसखोरी की जांच की थी और एफसीपीए का उल्लंघन पाया, लेकिन इसकामतलब यह नहीं कि उसने भारत, चीन या ब्राजील में रिश्वत दी। न्यू यॉर्क टाइ्स कहता है कि इससे यह तो संकेत मिलता है कि कंपनी को इन तीन देशों में कंपनी ने कोई न कोई गड़बड़ी पाई है, जो कि गंभीर है और इस बारे में कंपनी के भागीदारों को सूचित किया जाना चाहिए। अखबार आगे लिखता है कि न्याय विभाग और प्रतिभूति और एक्सचेंज विभाग भी घूस विरोधी कानून के तहत कंपनी की जांच कर रहा है। एफसीपीए अमेरिकी कंपनी की तरफ से दी जाने वाली घूस को अपराध मानता है। वॉलमार्ट के प्रवक्ता ने जांच पूरी होने तक कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।..
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