टेस्ट क्रिकेट की मौत पर...!
टेस्ट क्रिकेट की मौत पर...!
इस खूबसूरत खेल को सफेद लिबास में देखना जितना दिलचस्प होता था, अब उसे देखने की इच्छा भी नहीं क्योंकि उस पर आईसीसी ने ऐसी स्याही मल दी है, जिसे टेस्ट क्रिकेट देखने वाला कुबूल नहीं करेगा। क्रिकेट के कई हिस्से पहले ही हो चुके थे। पहले छह दिनों के टेस्ट हुआ करते थे।
एक दिन आराम होता था। बाद में पचास ओवर तक कर दिया गया और कोर-कसर बाकी रही तो बीस ओवर का हो गया। वैसे भी आज की पीढ़ी टेस्ट के बजाय ट्वेंटी-ट्वेंटी और वन- डे को ज्यादा तवज्जो देते हैं, क्योंकि उसमें पैसों के साथ ग्लैमर भी मौजूद है और फिर पांच दिन पसीना कौन बहाना चाहेगा, जबकि चंद घंटों में लाखों रुपए मिल जाते हैं। टेस्ट मैच वो भी रात में, वो भी रंगीन कपड़ों में और रंगीन गेंद के साथ। क्या ये हजम होगा? कैरी पैकर ने जब अपना सर्कस शुरू किया था, तभी से इस बात के संकेत मिलने लगे थे कि आज नहीं तो कल, ये हमला सफेद लिबास पर होने वाला है।
इंग्लैण्ड वाले इसे बिलकुल पसंद नहीं करेंगे, लेकिन आईसीसी ने जो फरमान जारी किया है और जो नए नियम-कायदे बना दिए हैं, उसने टेस्ट क्रिकेट की हत्या कर दी है। जिस तरह इंग्लैण्ड की चार महिलाओं ने ओवल पर मिली आस्ट्रेलियाई हार के बाद इंग्लैण्ड के कप्तान इवो क्लाई को गिल्लियां जलाकर भेंट कर दी थीं और एशेज का जन्म हुआ था, उसे याद रखिए और फर्ज कीजिए कि रंगीन कपड़ों में एशेज हो रही है तो क्या गुजरेगी। पांच दिन का मैच जो मजा देता था, वो दो सौ चालीस गेंद का मैच नहीं दे सकता, फिर भले ही मनोरंजन के लिए लड़कियां आड़े-तिरछे नाच कर रही हों।
इस खूबसूरत खेल को सफेद लिबास में देखना जितना दिलचस्प होता था, अब उसे देखने की इच्छा भी नहीं क्योंकि उस पर आईसीसी ने ऐसी स्याही मल दी है, जिसे टेस्ट क्रिकेट देखने वाला कुबूल नहीं करेगा। क्रिकेट के कई हिस्से पहले ही हो चुके थे। पहले छह दिनों के टेस्ट हुआ करते थे।
एक दिन आराम होता था। बाद में पचास ओवर तक कर दिया गया और कोर-कसर बाकी रही तो बीस ओवर का हो गया। वैसे भी आज की पीढ़ी टेस्ट के बजाय ट्वेंटी-ट्वेंटी और वन- डे को ज्यादा तवज्जो देते हैं, क्योंकि उसमें पैसों के साथ ग्लैमर भी मौजूद है और फिर पांच दिन पसीना कौन बहाना चाहेगा, जबकि चंद घंटों में लाखों रुपए मिल जाते हैं। टेस्ट मैच वो भी रात में, वो भी रंगीन कपड़ों में और रंगीन गेंद के साथ। क्या ये हजम होगा? कैरी पैकर ने जब अपना सर्कस शुरू किया था, तभी से इस बात के संकेत मिलने लगे थे कि आज नहीं तो कल, ये हमला सफेद लिबास पर होने वाला है।
इंग्लैण्ड वाले इसे बिलकुल पसंद नहीं करेंगे, लेकिन आईसीसी ने जो फरमान जारी किया है और जो नए नियम-कायदे बना दिए हैं, उसने टेस्ट क्रिकेट की हत्या कर दी है। जिस तरह इंग्लैण्ड की चार महिलाओं ने ओवल पर मिली आस्ट्रेलियाई हार के बाद इंग्लैण्ड के कप्तान इवो क्लाई को गिल्लियां जलाकर भेंट कर दी थीं और एशेज का जन्म हुआ था, उसे याद रखिए और फर्ज कीजिए कि रंगीन कपड़ों में एशेज हो रही है तो क्या गुजरेगी। पांच दिन का मैच जो मजा देता था, वो दो सौ चालीस गेंद का मैच नहीं दे सकता, फिर भले ही मनोरंजन के लिए लड़कियां आड़े-तिरछे नाच कर रही हों।
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