प्रदेश में वाहनों में 1 अप्रैल से गति नियंत्रक

भोपाल।
प्रदेश में तेज गति से चलने वाले वाहनों की जानलेवा दुर्घटना पर अंकुश लगाने के लिये आगामी 1 अप्रैल से वाहन गति नियंत्रक के माध्यम से चलेंगे। इस संबंध में राज्य के परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।
जारी अधिसूचना के मुताबिक, परिसंकटमय वाहन जिनमें डम्पर, टेंकर या स्कूल बसें शामिल हैं और वे 1 अक्टूबर,2015 के पूर्व रजिस्ट्रीकृत हैं और उनमें पहले से गति नियंत्रक नहीं लगे हैं, उनमें एआईएस : 018/2001 मानक के अनुरुप नियत की गई 60 किलोमीटर प्रति घण्टा की अधिकतम गति के नियंत्रक लगाने होंगे। 
इसी प्रकार उक्त के अलावा अन्य वाहनों पर एआईएस : 018/2001 के अनुरुप 80 किलोमीटर प्रति घण्टा की अधिकतम गति के नियंत्रक लगाने होंगे। यह कार्यवाही केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 के अंतर्गत की गई है।

नहीं रुका विकास
भोपाल। 
प्रदेश में दो माह पूर्व अवर्षा एवं सूखे के प्राकृतिक प्रकोप को देख सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा कर दी थी कि किसानों को राहत देने के लिये विकास के कामों को रोक कर उसका बजट राहत देने में लगाया जायेगा। लेकिन यह घोषणा कोरी ही रही। गत पांच नवम्बर को विधानसभा का एक दिवसीय सत्र किसानों के लिये राहत देने के बजट को मंजूर करने के लिये बुलाया गया और कुल 8 हजार 407 करोड़ रुपयों का दूसरा पूरक बजट पारित किया गया लेकिन इसमें प्राकृितक आपदाओं एवं सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में राहत हेतु मद 58 में 3 हजार 328 करोड़ रुपये ही स्वीकृत किये गये। इसके ठीक एक माह बाद दिसम्बर में हुये विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पुन: 5 हजार 889 करोड़ रुपयों का तीसरा पूरक बजट पारित किया गया जिसमें किसानों को राहत देने वाली मद 58 शामिल नहीं थी। यानी कुल 14 हजार 296 करोड़ रुपयों के बजट में किसानों को राहत देने हेतु मात्र 3 हजार 328 करोड़ रुपये ही थे और बाकी बजट विकास कार्यों के लिये था।

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