अंग्रेजी में लिखा-पढ़ी की तो होगी कार्यवाही

 


भोपाल।
सभी विभाग, संचालनालय, निगम, उपक्रम या अध्र्द शासकीय संस्थान में कोई भी कार्यवाही अंग्रेजी में होती पाई जाती है तो उसे शासन के आदेशों की गंभीर अवहेलना तथा कदाचरण माना जायेगा और संबंधित अधिकारी के विरुध्द सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
उक्त ताजा हिदायत प्रदेश की शिवराज सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से सभी विभागों, संभागायुक्तों, जिला कलेक्टरों एवं सीईओ जिला पंचायतों को जारी की है। हिदायत में कहा गया है कि किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को किसी प्रकार की शास्ति यानी सजा इस आधार पर नहीं दी जायेगी कि उसने अंग्रेजी नहीं आती है। इसके अलावा अब राज्य शासन द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं का माध्यम हिन्दी रखा जायेगा। 
ताजा हिदायत में यह भी कहा गया है कि दैनिक सरकारी कामकाज, पत्र-व्यवहार,निमंत्रण पत्र, नामपट्ट, सूचनायें, समाचार-पत्रों में निविदायें, विज्ञप्तियां आदि के प्रकाशन तथा केंद्र और राज्यों से सम्पर्क में अंग्रेजी का उपयोग नहीं होगा। सभी शासकीय कार्य, पत्रव्यवहार अनिवार्यत: राजभाषा हिन्दी में ही किया जायेगा। केंद्र शासन को भेजे जाने वाले पत्रों के साथ उसका अंग्रेजी अनुवाद भी संलग्र कर दिया जाये और अन्य राज्यों से पत्रव्यवहार संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार ही किया जाये। अपने विभाग में हिन्दी में कामकाज हो रहा है या नहीं, यह देखने का उत्तरदायित्व सचिव,विभागाध्यक्ष और निगमों के प्रमुख कार्यपालिक अधिकारी का होगा।

बढ़ाना पड़ी तिथि
भोपाल। 
राज्य सरकार ने स्कूलों के माध्यम से आवेदन-पत्र आमंत्रित कर लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के लिये विशेष अभियान प्रारंभ किया था और इसकी अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2015 तक निर्धारित की थी। परन्तु सरकारी तंत्र की लेटलतीफी के कारण लाखों आवेदन लंबित थे। लिहाजा अब इस काम को निपटाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 मार्च 2016 कर दी गई है। 

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