अब सांड का भी तमाशा नहीं दिखाया जायेगा
भोपाल।
केंद्र सरकार ने पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम,1960 के तहत अधिसूचना जारी कर सांड को भी उन पशुओं की सूची में शामिल कर लिया है जिनका तमाशा दिखाने वाले पशुओं के रुप में प्रदर्शित अथवा प्रशिक्षित नहीं किया जा सकता है। सांड के अलावा सूची में भालू, बंदर, बाघ, तेंदुआ और शेर शामिल हैं। अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि सांडों को किसी समुदाय की रुढिय़ों द्वारा या रुढिय़ों के अधीन पारंपरिक व्यवहार या संस्कृति के भाग के रुप में तमिलनाडु में जल्लिकटटु और महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, केरल और गुजरात में बैलगाड़ी दौड़ जैसे आयोजनों में तमाशा दिखाने वाले पशुओं के रुप में प्रदर्शित अथवा प्रशिक्षित किया जाता रहेगा परन्तु इसके लिये संबंधित जिले के कलेक्टर से पूर्वानुमति लेना होगी।
जबलपुर क्षेत्र की अपीलें इंदौर की अपर आयुक्त सुनेंगी
भोपाल।
इधर वाणिज्यिक कर विभाग ने वैट एक्ट के तहत आने वाली जबलपुर परिक्षेत्र की अपीलें सुनने का अधिकार अपर आयुक्त वाणिज्यिक कर मुख्यालय इंदौर श्रीमती सुमित्रा वर्मा को सौंप दिया है। यह अपर आयुक्त अपीलीय प्राधिकरण के रुप में कार्य करेंगी तथा वैट एक्ट की धारा 46 के अधीन लंबित या उद्भुत होने वाले अपील प्रकरणों को निपटाने की शक्तियां रखेंगी।.
डॉ नवीन जोशी
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