महिलाओं के प्रति व्यवहार जुड़ा सीआर में…

डॉ नवीन जोशी 
भोपाल। प्रदेश के सरकारी सेवकों की सीआर यानी गोपनीय चरित्रवाली में अब जेण्डर संवेदनशीलता यानी महिलाओं से व्यवहार में संवेदनशीलता भी जुड़ गया है। जेण्डर संवेदनशीलता कैसे हो इसके लिये सभी विभागों एवं सरकारी कार्यालयों को निर्देश दिये गये हैं कि वे इस संबंध में सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनिवार्य प्रशिक्षण दिया जाये।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गत 19 मई,2015 को अपने भोपाल स्थित आवास पर महिला पंचायत में प्रदेश की नई महिला नीति,2015 घोषित की थी। इस नीति में सामाजिक सशक्तीकरण में महिलाओं की सुरक्षा के अंतर्गत एक बिन्दु जेण्डर संवेदनशीलता पर अनिवार्य प्रशिक्षण भी शामिल है जिसे सभी विभागों को अमलीकृत करना है। इसे क्रियान्वित करने हेतु राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों एवं सरकारी कार्यालयों को निर्देश जारी किये हैं।
अब सरकारी कार्यालयों के सभी शासकीय सेवकों की सीआर में जेण्डर समानता के प्रति संवेदनशीलता का बिन्दु जोड़ दिया गया है। इसके अलावा सभी विभागों एवं कार्यालयों को कहा गया है कि जेण्डर संवेदनशीलता पर अनिवार्य प्रशिक्षण देने का कार्य भी किया जाये। इन निर्देशों के परिपालन में सरकारी विभागों एवं कार्यालयों द्वारा जेण्डर संवेदनशीलता पर अनिवार्य प्रशिक्षण की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है ताकि प्रदेश के सरकारी सेवक महिलाओं के प्रति व्यवहार में संवेदनशील रहें और उनके साथ कोई अन्याय न हो सके।
भेजा प्रस्तावित बिल
भोपाल। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में पेश किये जाने वाले उस बिल को मप्र सरकार के पास अपने सुझाव भेजने के लिये भेजा है जिसमें सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के कड़े उपाय किये गये हैं। इस प्रस्तावित बिल का नाम सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक,2015 है। इस बिल की कल्पना नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एनडीए सरकार के गठन के समय तत्कालीन नवनियुक्त मंत्री गोपीनाथ मुण्डे के सड़क दुर्घटना में मृत होने के बाद की गई थी।

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