(जंगल) कानून-मंत्री

घपले के लिए नहीं, लेकिन अंट-शंट बोलने पर तो कानून मंत्री सलमान खुर्शीद को फौरन मंत्रिमंडल से अलग कर दिया जाना चाहिए। बुधवार को खुर्शीद ने जो कुछ टीवी और इतर कहा, उससे साफ नजर आ रहा है कि उनका दिमागी संतुलन ठीक नहीं है और उन्हें यह भी याद नहीं रहता कि वे किस शपथ के साथ मंत्री बने हैं।यह मान लेते हैं कि पत्नी के ट्रस्ट में जो गड़बड़ी सामने आई है, वह सलमान खुर्शीद की सहमति का नतीजा नहीं हो सकती। सलमान की छवि साफ और समझदार शख्स की है, लेकिन कहते हैं ना कि मुसीबत के समय ही व्यक्‍ति का असली चेहरा सामने आता है। इस परीक्षा में कानून मंत्री नापास रहे। पत्नी के धतकरम का बचाव करने के चक्‍कर में कानून मंत्री ने नैतिकता का पाठ भी भुला दिया और अब जो बड़बड़ वे कर रहे हैं, सन्निपात के रोगी की तरह है। इसमें अपराध-बोध कम और खिसियाहट ज्यादा है। टीवी पर अरविंद केजरीवाल के बारे में बोलते हुए सलमान खुर्शीद जितने हिंसक नजर आ रहे थे, ऐसी हालत में उनका केंद्रीय मंत्री बने रहना कांग्रेस ही नहीं, देश की सेहत के लिए भी हानिकारक है। उनकी धमकीभरी बातों को सुनकर यकीन करना मुश्किल होता है कि ये शख्स कभी आक्‍सफर्ड से पढ़कर निकला है। तो क्‍या यह मान लिया जाए कि सलमान खुर्शीद ने इतने समय से भले आदमी होने का मुखौटा ही लगा रखा था और मौका आते ही वे अपने असली खूंखार चेहरे और इरादे के साथ सामने आ गए?


मनमोहनसिंह की तो या बिसात... सोनिया-राहुल एंड क्पनी के लिए यही मौका है कि घपले की बात अलग रख, धमकी और हिंसक बयान के आधार पर ही सलमान खुर्शीद को घर बिठा दिया जाए। वैसे भी केंद्र में मंत्री बदलने की खबर तेज है तो इस बहाने यह भी कहा जा सकता है कि सलमान खुर्शीद को हटाने के बारे में तो पहले ही तय हो चुका था। अब इस शख्स को एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। यदि कानून मंत्री ही कानून हाथ में लेने और जंगल-राज की बातें करने लगे तो देश की हालत क्‍या होगी! कलम के साथ खून से भी काम करने की धमकी के आखिर क्‍या मतलब निकाले जाएं? ट्रस्ट में गड़बड़ तो हुई है, पर इस तरह का दिमागी दिवालियापन दिखाकर सलमान खुर्शीद सिर्फ अपनी कमजोरी ही दिखा रहे हैं। कल यदि कांग्रेस उनसे पीछा छुड़ा लेती है तो समय काफी है कि मामले पर धूल पड़ जाएगी। यदि कांग्रेस ने यह मौका चूका... तो सुधार का कोई अवसर नहीं मिलने वाला। कानून के रखवाले ही यदि इस तरह डंडा लेकर निकल पड़े तो गुंडों की पौ-बारह हो जाएगी।

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