भ्रष्टाचार पर भारी बेरोजगारी


आठ महीने पहले मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले, मंत्रालय, सतपुड़ा, विंध्याचल, नर्मदा भवन और पूरे प्रदेश के कलेक्‍टर के दफ्तरों पर भ्रष्टाचार की शिकायत पेटियां लगाई गई थीं।
इन पेटियों को जब खोला गया तो पाया गया कि भ्रष्टाचार की शिकायतें कम हैं, नौकरी की अर्जियां ज्यादा। सामान्य प्रशासन विभाग की उपसचिव तबस्सुम जैदी ने बताया कि 2011 में पेटियां लगाई गई थीं। आठ महीनों में इन पेटियों में डाली गई शिकायतों की संख्या सौ पाई गई है। इनमें भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों की संख्या छह से दस के बीच पाई गई हैं। भ्रष्टाचार प्रदेश में हर जगह हो रहा है, लेकिन कोई भी शिकायत करना नहीं चाहता। मंत्रालय के एक अफसर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार कम है, ऐसी बात नहीं है, लेकिन लोग अपना नाम सार्वजनिक होने के डर से भी नामजद शिकायत नहीं करते। कई शिकायतें गुमनाम भी की गई है। जो विभाग भ्रष्टाचार की वजह से बदनाम हैं, कलेक्‍टरों के दफ्तर भी उनमें अछूते नहीं हैं। खनिज, फूड, फारेस्ट, नापतौल विभाग, नगर निगम, नगर पालिकाओं में भ्रष्टाचार ज्यादा पाया गया है।

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