केंद्र-राज्य की बड़ी योजनाओं पर संपूर्ण वित्तीय अधिकार मेयर-प्रसीडेन्ट इन कौंसिल को मिला



केंद्र एवं राज्य सरकार की बड़ी एवं महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय अधिकार नगरीय निकायों की परिषदों से छीन लिया गया है तथा अब  इसके संपूर्ण अधिकार मेयर-इन-कौंसिल तथा प्रेसीडेन्ट-इन-कौंसिल को होंगे।
इस संबंध में राज्य सरकार ने यह शक्ति मेयर-इन-कौंसिल तथा प्रेसीडेन्ट-इन-कौंसिल को देने के आदेश जारी कर दिये हैं। आदेश के अनुसार, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित स्वच्छ भारत शहरी मिशन, जेएनएनयूआरएम (बीएसयूपी, आईएचएसडीपी, यूआईजीयू, यूआईडीएसएसएमटी), राजीव आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (सबके लिये आवास 2022), अटल मिशन फॉर रिजूनुवेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफारमेशन (अमृत योजना), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, स्मार्ट सिटी, एडीबी, विश्व बैंक, केएफडब्ल्यु से प्रायोजित परियोजनायें तथा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित शहरी मुख्यमंत्री पेयजल योजना एवं मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना के क्रियान्वयन हेतु परिषद की समस्त वित्तीय शक्तियां मेयर-इन-कौंसिल/प्रेसीडेन्ट-इन-कौंसिल में वैष्ठित की गई हैं।
ज्ञातव्य है कि नगर निगमों में मेयर-इन-कौसिल तथा नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में प्रेसीडेन्ट-इन-कौसिल होती हैं जो राज्य सरकार की मंत्रिपरिषद जैसा कार्य करती हैं।

दुधारु पशु देने की नई योजना
भोपाल।
नये वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार कृषि के साथ पशुपालन कर अतिरिक्त आय अर्जित करने के उद्देश्य से किसानों को दुधारु पशु देने की योजना प्रारंभ करने जा रही है। पशुपालन विभाग के अंतर्गत इस हेतु आचार्य विद्यासागर दुग्ध धारा कार्यक्रम बनाया गया है जिसके तहत किसानों को 5, 10 अथवा 25 दुधारु गाय या भैंस का इकाई प्रदान की जायेगी। इस कार्यक्रम के तहत इकाई की पूर्ण लागत का 25 प्रतिशत किसान को स्वयं तथा शेष 75 प्रतिशत राशि बैंक ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिये बजट में 11 करोड़ 55 लाख 1 हजार रुपयों का प्रावधान किया गया है।

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