किसकी है यह सरकार ?
किसकी है यह सरकार ?
मित्रों,
हम सभी राष्ट्रवादी और देशभक्त लोग हैं जो सामान्य हिन्दुस्तानी नियमों से बंधे हुए हैं, हमने प्राधिकरण, गृह निर्माण मण्डल या अन्य उद्योगों के लिये जमीन, मकान आदि लिये हैं जिनका हम लीज रेन्ट देते रहे हैं । आखिर क्या कारण है कि हमसे एक-एक पाई वसूलने वाले डी.बी. माॅल भोपाल का लीज रेन्ट जो 64.20 लाख में आॅक्शन हुआ था उसका 7.50 प्रतिशत तथा गेमन इण्डिया जिसका 383 करोड़ का 7.50 प्रतिशत वार्षिक लीज रेन्ट माफ कर दिया गया । आखिर इन चयनित लोगों का लीज रेन्ट माफ करने का मकसद क्या है ? क्या प्रोक्टर एण्ड गेम्बल, इच.ई.जी., वर्धमान, ल्यूपिन आदि फैक्ट्रियाँ जनता के लिये नहीं हैं ? यही नहीं एम.एल.ए. अपनी तनख्वाह बढ़वा लेते हैं, विधवाओं की पेन्शन पांच साल में बढ़वा लेते हैं, क्या कहीं किसी रोजगार में ऐसा देखा गया है कि पांच साल की नौकरी के बदले पेंशन मिलती हो ? जो कल तक एफ.डी.आई. का विरोध कर रहे थे, वे 2003 से 2016 तक आते आते 100 प्रतिशत खेती में भी एफ.डी.आई. की वकालत करते हैं । मैं आप लोगों से राय जानना चाहता हूँ ।
मित्रों,
हम सभी राष्ट्रवादी और देशभक्त लोग हैं जो सामान्य हिन्दुस्तानी नियमों से बंधे हुए हैं, हमने प्राधिकरण, गृह निर्माण मण्डल या अन्य उद्योगों के लिये जमीन, मकान आदि लिये हैं जिनका हम लीज रेन्ट देते रहे हैं । आखिर क्या कारण है कि हमसे एक-एक पाई वसूलने वाले डी.बी. माॅल भोपाल का लीज रेन्ट जो 64.20 लाख में आॅक्शन हुआ था उसका 7.50 प्रतिशत तथा गेमन इण्डिया जिसका 383 करोड़ का 7.50 प्रतिशत वार्षिक लीज रेन्ट माफ कर दिया गया । आखिर इन चयनित लोगों का लीज रेन्ट माफ करने का मकसद क्या है ? क्या प्रोक्टर एण्ड गेम्बल, इच.ई.जी., वर्धमान, ल्यूपिन आदि फैक्ट्रियाँ जनता के लिये नहीं हैं ? यही नहीं एम.एल.ए. अपनी तनख्वाह बढ़वा लेते हैं, विधवाओं की पेन्शन पांच साल में बढ़वा लेते हैं, क्या कहीं किसी रोजगार में ऐसा देखा गया है कि पांच साल की नौकरी के बदले पेंशन मिलती हो ? जो कल तक एफ.डी.आई. का विरोध कर रहे थे, वे 2003 से 2016 तक आते आते 100 प्रतिशत खेती में भी एफ.डी.आई. की वकालत करते हैं । मैं आप लोगों से राय जानना चाहता हूँ ।
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