बड़े अफसरों की सीआर ऐसे बदल जाती है

डॉ नवीन जोशी 


भोपाल।
प्रदेश के सरकारी तंत्र में अफसरशाही का अभी भी अच्छा-खासा बोलबाला है। बड़े अफसरों की गोपीनय चरित्रावली यानी सीआर यदि खराब हो जाये तो उसे अच्छे में बदल भी दिया जाता है।
जल संसाधन विभाग में प्रोक्योरमेंट एक्सपर्ट विश्व बैंक परियोजनायें भोपाल में पदस्थ अधीक्षण यंत्री  सलिलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की सीआर में 1 अप्रैल,2014 से 31 मार्च,2015 में स्वीकारकत्र्ता अधिकारी ने प्रतिकूल टिप्पणी अंकित की थी - ''टीम भावना का अभाव है। स्वयं को अतिमहत्वपूर्ण मानने से व्यवहार में कटुता है। कार्य प्रभावित होता है। श्रेणी औसत।ÓÓ
उक्त प्रतिकूल टिप्पणी पर सामान्य प्रशासन विभाग ने उक्त अधीक्षण यंत्री से अभ्यावेदन चाहा जिस पर सलिलेन्द्र श्रीवास्तव ने 16 सितम्बर,2015 को बचाव प्रस्तुत करते हुये क्षमा व्यक्त कर सुधार के लिये अवसर चाहा। इस पर उनके अभ्यावेदन पर विचारोपरान्त उन्हें भविष्य में व्यवहार कुशलता हेतु समझाईश देते हुये विपरीत टीका विलोपित कर उनकी श्रेणी ''औसतÓÓ में उन्नत किये जाने का निर्णय लिया गया। अब उनकी सीआर में ''औसतÓÓ के स्थान पर ''अच्छाÓÓ मान्य किया गया है। इससे उक्त अधीक्षण यंत्री आगे पदोन्नति हेतु काबिल हो गये हैं।

राष्ट्रीय जनसंख्या का रजिस्टर तैयार करने की तिथि एक माह और बढ़ी
भोपाल।
राज्य सरकार ने नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान-पत्र जारी करना) नियमावली 2003 के तहत राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने और उसे अद्यतन करने संबंधी क्षेत्रीय कार्य 16 नवम्बर,2015 से 15 दिसम्बर 2015 नियत किया था परन्तु अब इस तिथि में वृध्दि कर तिथि 15 जनवरी 2016 तक कर दी गई है।
डॉ नवीन जोशी 

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