अब मोबाईल,टीवी, ओवन व बैटरियां भारतीय मानक ब्यूरो से एप्रूव होंगी



डॉ नवीन जोशी 

भोपाल।
अब मोबाईल,टीवी, ओवन, बैटरियां आदि भारत सरकार के भारतीय मानक ब्यूरो से एप्रूव होंगी। इसके लिये संस्थान ने उनकी मानक मुहर निर्धारित कर दी है। ऐसा ग्राहकों को गुणवत्तायुक्त इलेक्ट्रानिक उत्पाद बेचे जाने के लिये किया गया है। 
केंद्र के उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी ताजा अधिसूचना के अनुसार, अब माइक्रो वेव ओवन, मेन पावर वाली इलेक्ट्रानिक घडिय़ां, 32 इंच और इससे बड़े आकार वाले प्लाज्मा/एलसीडी/एलईडी टेलीविजन, श्रव्य-दृश्य और समान इलेक्ट्रानिक उपकरणों के लिये एडाप्टर, 2 हजार वाट और इससे अधिक क्षमता वाले इनपुट पॉवर एम्प्लीफायर, 200 वाट और इससे अधिक क्षमता वाले इनपुट पॉवर इलेक्ट्रानिक म्यूजिकल प्रणाली, 200 वाट और इससे अधिक इनपुट क्षमता वाले बिल्ट-इन एम्प्लीफायर के साथ आप्टिकल डिस्क प्लेयर, इलेक्ट्रानिक वीडियो खेल, निर्धारित सामान्य प्रयोजनों के लिये एलईडी ल्युमिनेयर्स, बिक्री केंद्र बिन्ुद, आईटी उपकरणों के लिये विद्युत एडेप्टर, ऑटोमेटिक डेटा प्रोसेसिंग मशीन, लैपटाप/नोटबुक/टेबलेट, पोर्टेबल अनुप्रयोग में इस्तेमाल के लिये पावर बैंक, मोबाइल फोन, प्रिंटर-प्लॉटर, रोकड़ बहियां, कॉपी करने की मशीनें/डुप्लीकेटर, स्मार्ट कार्ड रीडर्स, डाक संसाधन मशीनें/डाक शुल्क मशीनें/फ्रेकिंग मशीनें, पासपोर्ट रीडर, सेट टॉप बाक्स, टेलीफोन से उत्तर देने वाली मशीन, स्कैनर, वायरलेस की-बोर्ड, विजुअल डिस्प्ले यूनिट 32 इंच और इससे बड़े आकार के वीडियो मॉनीटर, एलइडी माड्यूलों के लिये डी सी अथवा ए सी आपूर्ति वाले इलेक्ट्रानिक कण्ट्रोलगियर, पोर्टेबल अनुप्रयोग में उपयोग के लिये क्षारीय या गैर अम्लीय इलेक्ट्रोलाइट्स वाले सीलबंद द्वितीयक सेल/बैटरियां, सामान्य प्रकाश सेवाओं के लिये सैल्फ बैलास्टिड एलइडी लैम्प तथा 5 केवीए से अधिक अथवा बराबर रेटिंग का यूपीएस/इन्वर्टर। 

केबिनेट के खिलाफ चालान में दुविधा
भोपाल। 
मप्र विधानसभा में कांग्रेस शासन काल में हुई अनियमित नियुक्तियों पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह एवं पूर्व स्पीकर श्रीनिवास तिवारी एवं अन्य के विरुध्द भोपाल की जहांगीराबाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारियां (दिग्विजय सिंह को छोड़कर) तो कर ली परन्तु अब दिग्विजय सिंह को गिरफ्तार करने में उसे दुविधा हो रही है। दरअसल ये नियुक्तियां दिग्विजय सिंह ने सीएम रहते नियम शिथिल कर केबिनेट के मंजूरी से की थीं परन्तु पुलिस केबिनेट के खिलाफ चालान पेश कर भविष्य की नजीर नहीं बनाना चाहती है कि केबिनेट के फैसलों पर भी आरोप-पत्र जारी किया जा सकता है।
डॉ नवीन जोशी 

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