जिसको भारत स्वीकार नहीं, वो पाकिस्तान चला जाये ।"
अब वो नस्ल है बदल चुकी,
जब फिर से हिन्दू छला जाये,
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।"
जब फिर से हिन्दू छला जाये,
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।"
"हम त्याग चुके वह मानवता,
जो कायरता कहलाती थी ,"
"कोई तिलक लगाता था तो,
वह कट्टरता समझी जाती थी....."
नियम ना माने जो घर के,
वो लेकर सामान चला जाये ,"
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
जो कायरता कहलाती थी ,"
"कोई तिलक लगाता था तो,
वह कट्टरता समझी जाती थी....."
नियम ना माने जो घर के,
वो लेकर सामान चला जाये ,"
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
सर्व धर्म समभाव के बदले,
भारत का अपमान नहीं होगा ,"
"माता को डायन कहने वालों का,
अब सम्मान नहीं होगा....."
जबतक चुप बैठे हैं,.....
वो बचाकर अपनी जान चला जाये ।"
जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
भारत का अपमान नहीं होगा ,"
"माता को डायन कहने वालों का,
अब सम्मान नहीं होगा....."
जबतक चुप बैठे हैं,.....
वो बचाकर अपनी जान चला जाये ।"
जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
"जो जाति, धर्म, मज़हब का रोना,
छाती पीटकर रोते हैं ,"
आंतकियों के मरने पर उनकी,
मय्यत में शामिल होते हैं....."
खून खौलता है सबका,
कबतक हाथों को मला जाये ।"
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
छाती पीटकर रोते हैं ,"
आंतकियों के मरने पर उनकी,
मय्यत में शामिल होते हैं....."
खून खौलता है सबका,
कबतक हाथों को मला जाये ।"
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
"कुछ लोग देश में गद्दारों को भी
साहब और जी कहते हैं ,"
जयचन्दों से है इतिहास भरा,
ये हर युग में ही रहते हैं....."
"हमदर्द हो जो गद्दारों का,
वो खुद शमशान चला जाये ।"
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
साहब और जी कहते हैं ,"
जयचन्दों से है इतिहास भरा,
ये हर युग में ही रहते हैं....."
"हमदर्द हो जो गद्दारों का,
वो खुद शमशान चला जाये ।"
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
"हर मज़हब को अपनाया
हर धर्म को हमने शरण दी हैं ,"
"इस उदारवाद ने ही केवल,
मर्यादा अपनी हरण की हैं...."
"ऐसा दानी क्या कि खुद का,
नामोनिशान चला जाये ।"
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
हर धर्म को हमने शरण दी हैं ,"
"इस उदारवाद ने ही केवल,
मर्यादा अपनी हरण की हैं...."
"ऐसा दानी क्या कि खुद का,
नामोनिशान चला जाये ।"
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
"राष्ट्र की बलिबेदी पर जो भी
कुर्बान हुआ वो तरा ही है ,"
"जिसे धर्म धरा पर गर्व नहीं ,
वह जीवित हो भी तो मरा ही है ."
"वीर सुभाष , भगत सिंह का
व्यर्थ ना बलिदान चला जाये ।"
जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
कुर्बान हुआ वो तरा ही है ,"
"जिसे धर्म धरा पर गर्व नहीं ,
वह जीवित हो भी तो मरा ही है ."
"वीर सुभाष , भगत सिंह का
व्यर्थ ना बलिदान चला जाये ।"
जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
"शान्ति-शान्ति करते-करते
कितना नुकसान करा बैठें हैं ,"
"हम जिनको भाई कहते हैं,
वो कब से लेके छुरा बैठें हैं....."
"कही इतनी देर ना हो जाये कि,
सब सम्मान चला जाये ।"
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
कितना नुकसान करा बैठें हैं ,"
"हम जिनको भाई कहते हैं,
वो कब से लेके छुरा बैठें हैं....."
"कही इतनी देर ना हो जाये कि,
सब सम्मान चला जाये ।"
"जिसको भारत स्वीकार नहीं,
वो पाकिस्तान चला जाये ।।"
वंदे मातरम्। जय हिन्द। जय भारत...
डॉ. नवीन आनंद
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