चरैवेति-चरैवेति मूल मंत्र है प्रभात झा का......
(डॉ. नवीन जोशी)
भोपाल १४ मई। प्रवास और प्रभात एक-दूसरे के पूरक बन गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से वे निरंतर प्रवास पर हैं। पार्टी के ६१८ मंडलों में से वे अब तक ५८५ मंडलों का दौराकर प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं से जीवंत
संपर्क बना चुके हंै। प्रवास करने का नुस्खा उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में मिला। उसी नुस्खे की एक फक्की लगाकर वे अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में सतत् प्रवास कर कार्यकर्ताओं को उत्साहित एवं संगठन को गतिशील बनाए हुए हैं।
कार्यकर्ताओं से मिलना और उनकी समस्याओं का निराकरण करना झा का शगल है। यही कारण है कि संगठन के कार्य में वे इतने व्यस्त रहे कि अपनी सगी बहन से भी ३२ वर्ष बाद रांची मिलने पहुंंचे। संगठन ही उनका घर-परिवार है। वे कहते हैं कि संगठन के कार्य से संतुष्टि तभी मिलेगी जब हर घर में पार्टी का चुनाव चिन्ह ''कमलÓÓ पहुंच जाएगा। वे कहते हैं कि जब तक अंतिम सांस चलेगी, तब तक पार्टी का कार्य करता रहंूगा। २ वर्ष के अध्यक्षीय कार्यकाल में उन्होंने तीन विधानसभा उपचुनाव कुक्षी, सोनकच्छ एवं जबेरा में जीत का झण्डा का गाड़ दिया, तो वहीं वे चौथे उपचुनाव महेश्वर की तैयारियों में लग गए हंै।
प्रश्न - दो वर्ष के कार्यकाल से आप कितने संतुष्ट हैं?
ह्न मेरे कार्य का या मेरा आंकलन व मूल्यांकन मैं स्वयं नहीं करता। इसका आंकलन पार्टी के कार्यकर्ता, वरिष्ठ नेता, समाज, संगठन व सामाजिक संस्थाएं करती हैं। पत्रकार भी कार्य का मूल्यांकन करते हैं। मैं कभी संतुष्ट नहीं रहा। संतुष्टि तब मिलेगी जब घर-घर से भाजपा का झण्डा लिए युवा तरुणाई निकलेगी। जब तक जीवित हूं तब तक पार्टी का काम करता रहूंगा।
प्रश्न - प्रदेशभर के कितने मंडलों का दौरा किया? पार्टी की जमीनी हकीकत क्या है?
ह्न पार्टी के ६१८ मंडलों में से ५८५ मंडलों का दौरा कर चुका हूं। विधानसभा की ७२ हारी हुई सीटों मेें से ६२ विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचा हूं। इन दो वर्षों में सिर्फ एक दिन लिए ३२ वर्ष बाद रांची में अपनी बहन के यहां जरूर गया था, क्योंकि शादी के बाद मैं उससे नहीं मिला था। इसके अलावा ये दो वर्ष ही नहीं पूरे ३७ वर्ष से पार्टी के काम के सिवा कुछ नहीं किया। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि आज भी पार्टी के हर मंडल में कुशाभाऊ ठाकरे जीवित हैं। स्व. प्यारेलाल खंडेलवाल जी को आज भी लोग याद करते हैं। हर मंडल में जनसंघ के जमाने के वे बुजुर्ग, जिन्होंने अपने लहू से जनसंघ का दीया जलाया, मौजूद हैं और वे मेरे लिए प्रेरणा के केन्द्र हैं। मुझे खुशी होती है, जब हर कार्यकर्ता की जुबान से निकलता है कि ''कमल का फूल-कभी न भूल।ÓÓ गांव-गांव में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के विकास कार्यों की प्रशंसा होती है और कहा जाता है कि शिवराजसिंह चौहान भले व्यक्ति हंै। मुख्यमंत्री के प्रति अगाध श्रद्घा लोगों मे देखने को मिलती है। कार्यकर्ताओं का खुश होना एवं दलीय निष्ठा के प्रति समर्पण मेरी ऊर्जा को दुगना कर देता है। प्रश्न - अभी हाल ही में हर विधानसभा में विकास यात्रा निकाली गई। इसका क्या लाभ मिलने वाला है?
ह्न यह विकास यात्रा दायित्व बोध था। यद्यपि जनप्रतिनिधि पूर्व में भी क्षेत्र में जाते रहे हैं। लेकिन, इस बार संगठन के लोगों व कार्यकर्ताओं के साथ गांव-गांव में विधायक पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा कराए गए विकास कार्यों को जब कार्यकर्ताओं ने स्वयं देखा और उन्हें जो आनंद हुआ उसे देख-सुनकर मैं भी आनंदित हो उठा। विधायकों ने व कार्यकर्ताओं ने विकास भी देखा और समस्याओं को भी।
प्रश्न- कार्यकर्ताओं में कहीं संतोष देखने को मिला? यदि है तो क्या कारण है?
ह्न कार्यकर्ताओं में असंतोष कहीं भी देखने को नहीं मिला। कार्यकर्ताओं में तीसरी बार सरकार बनाने का जज्बा दिखा। एक आंख में दर्द तो दूसरी आंख में खुशी भी थी। कार्यकर्ता कहते हैं कि कांगेे्रस के वर्षों के शासन में रहते जो नहीं हुआ वह इन ८ वर्षों में हो गया। इसके कई उदारहण कार्यकर्ताओं ने दिए। इससे लगा कि कार्यकर्ता परिपक्व है। सकारात्मकता उनकी वाणी में थी, लेकिन और विकास की चाहत भी उनमें देखी गई।
प्रश्न- तीसरी बार सरकार बनाने का आप दावा करते हैं? कैसे बनेगी सरकार?
ह्न जैसे २००३ व २००८ में सरकार बनी। वैसे ही २०१३ में सरकार बनेगी। जनता व कार्यकर्ताओं के अपार समर्थन से सरकार बनेगी। जनता ने भाजपा सरकार के विकास कार्यों को सराहा है, इसलिए जनता जनार्दन है वह सरकार भी बनाएगी। इस काम में जनता सरकार के कार्य का ध्यान रखेगी।
प्रश्न- विधायकों के प्रति असंतोष पर आपका क्या कहना है?
ह्न जो विधायक हैं, उनसे कहीं खुशी तो कहीं नाराजगी भी होगी। नाराज वे होंगे जिन्हें विधायक बनना है। खुश वे हैं जिन्हें पार्टी को जिताना है। विचारवान कार्यकर्ता न नाराज हैं और न ही दु:खी हैं।
प्रश्न - सरकार बनाने के लिए कुछ टिकट कटेंगे?
ह्न यह समय से बहुत पहले पूछा गया प्रश्न है। फिर भी इतना कह सकता हूं कि जीतने वाले छूटेंगे नहीं और हारने वाले को देंगे नहीं। इसके बाद भी सभी तो जीतेंगे नहीं। लेकिन तीन चौथाई बहुमत प्राप्त करने के सारे प्रयास किए जाएंगे।
प्रश्न-विधायकों के परफार्मेंस पर सर्वे कराया है?
ह्न मैं स्वयं एवं हमारे संगठन महामंत्री श्री मेनन जी व संभागीय संगठन मंत्री कागजों से ज्यादा प्रवास व संपर्क के सर्वे पर विश्वास करते हैं। कागजी सर्वे सहारा है। पार्टी न लावारिस है और ना ही बेसहारा है। पार्टी के सारे तंत्र विधिवत सक्रिय हैं और सारी स्थिति का आंकलन भी हो रहा है।
प्रश्न- कांगे्रस एकजुट होकर भाजपा को घेरने की तैयारी कर रही है। इसका बचाव कैसे करेंगे?
ह्न कांग्रेस के पास आरोप लगाने के सिवा कुछ नहीं है। कांगे्रस स्वयं आरोपित है और जनश्रापित है। जनश्रापित कांगे्रस आंतरिक कलह के कोलाहल से जूझ रही है। कांगे्रस की हालत के लिए यह उदाहण पर्याप्त है कि लोकसभा में सोनिया गांधी, मनमोहन ंिंसंह, प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में तेलंगाना के मुदद्े पर कांगे्रस के ८ सांसदों ने अनुशासनहीनता की। इससे कांगे्रस की हालत का पता लगाया जा सकता है। कांगे्रस जमीर व जमीन दोनों खो चुकी है।
भोपाल १४ मई। प्रवास और प्रभात एक-दूसरे के पूरक बन गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से वे निरंतर प्रवास पर हैं। पार्टी के ६१८ मंडलों में से वे अब तक ५८५ मंडलों का दौराकर प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं से जीवंत
कार्यकर्ताओं से मिलना और उनकी समस्याओं का निराकरण करना झा का शगल है। यही कारण है कि संगठन के कार्य में वे इतने व्यस्त रहे कि अपनी सगी बहन से भी ३२ वर्ष बाद रांची मिलने पहुंंचे। संगठन ही उनका घर-परिवार है। वे कहते हैं कि संगठन के कार्य से संतुष्टि तभी मिलेगी जब हर घर में पार्टी का चुनाव चिन्ह ''कमलÓÓ पहुंच जाएगा। वे कहते हैं कि जब तक अंतिम सांस चलेगी, तब तक पार्टी का कार्य करता रहंूगा। २ वर्ष के अध्यक्षीय कार्यकाल में उन्होंने तीन विधानसभा उपचुनाव कुक्षी, सोनकच्छ एवं जबेरा में जीत का झण्डा का गाड़ दिया, तो वहीं वे चौथे उपचुनाव महेश्वर की तैयारियों में लग गए हंै।
प्रश्न - दो वर्ष के कार्यकाल से आप कितने संतुष्ट हैं?
ह्न मेरे कार्य का या मेरा आंकलन व मूल्यांकन मैं स्वयं नहीं करता। इसका आंकलन पार्टी के कार्यकर्ता, वरिष्ठ नेता, समाज, संगठन व सामाजिक संस्थाएं करती हैं। पत्रकार भी कार्य का मूल्यांकन करते हैं। मैं कभी संतुष्ट नहीं रहा। संतुष्टि तब मिलेगी जब घर-घर से भाजपा का झण्डा लिए युवा तरुणाई निकलेगी। जब तक जीवित हूं तब तक पार्टी का काम करता रहूंगा।
प्रश्न - प्रदेशभर के कितने मंडलों का दौरा किया? पार्टी की जमीनी हकीकत क्या है?
ह्न पार्टी के ६१८ मंडलों में से ५८५ मंडलों का दौरा कर चुका हूं। विधानसभा की ७२ हारी हुई सीटों मेें से ६२ विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचा हूं। इन दो वर्षों में सिर्फ एक दिन लिए ३२ वर्ष बाद रांची में अपनी बहन के यहां जरूर गया था, क्योंकि शादी के बाद मैं उससे नहीं मिला था। इसके अलावा ये दो वर्ष ही नहीं पूरे ३७ वर्ष से पार्टी के काम के सिवा कुछ नहीं किया। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि आज भी पार्टी के हर मंडल में कुशाभाऊ ठाकरे जीवित हैं। स्व. प्यारेलाल खंडेलवाल जी को आज भी लोग याद करते हैं। हर मंडल में जनसंघ के जमाने के वे बुजुर्ग, जिन्होंने अपने लहू से जनसंघ का दीया जलाया, मौजूद हैं और वे मेरे लिए प्रेरणा के केन्द्र हैं। मुझे खुशी होती है, जब हर कार्यकर्ता की जुबान से निकलता है कि ''कमल का फूल-कभी न भूल।ÓÓ गांव-गांव में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के विकास कार्यों की प्रशंसा होती है और कहा जाता है कि शिवराजसिंह चौहान भले व्यक्ति हंै। मुख्यमंत्री के प्रति अगाध श्रद्घा लोगों मे देखने को मिलती है। कार्यकर्ताओं का खुश होना एवं दलीय निष्ठा के प्रति समर्पण मेरी ऊर्जा को दुगना कर देता है। प्रश्न - अभी हाल ही में हर विधानसभा में विकास यात्रा निकाली गई। इसका क्या लाभ मिलने वाला है?
ह्न यह विकास यात्रा दायित्व बोध था। यद्यपि जनप्रतिनिधि पूर्व में भी क्षेत्र में जाते रहे हैं। लेकिन, इस बार संगठन के लोगों व कार्यकर्ताओं के साथ गांव-गांव में विधायक पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा कराए गए विकास कार्यों को जब कार्यकर्ताओं ने स्वयं देखा और उन्हें जो आनंद हुआ उसे देख-सुनकर मैं भी आनंदित हो उठा। विधायकों ने व कार्यकर्ताओं ने विकास भी देखा और समस्याओं को भी।
प्रश्न- कार्यकर्ताओं में कहीं संतोष देखने को मिला? यदि है तो क्या कारण है?
ह्न कार्यकर्ताओं में असंतोष कहीं भी देखने को नहीं मिला। कार्यकर्ताओं में तीसरी बार सरकार बनाने का जज्बा दिखा। एक आंख में दर्द तो दूसरी आंख में खुशी भी थी। कार्यकर्ता कहते हैं कि कांगेे्रस के वर्षों के शासन में रहते जो नहीं हुआ वह इन ८ वर्षों में हो गया। इसके कई उदारहण कार्यकर्ताओं ने दिए। इससे लगा कि कार्यकर्ता परिपक्व है। सकारात्मकता उनकी वाणी में थी, लेकिन और विकास की चाहत भी उनमें देखी गई।
प्रश्न- तीसरी बार सरकार बनाने का आप दावा करते हैं? कैसे बनेगी सरकार?
ह्न जैसे २००३ व २००८ में सरकार बनी। वैसे ही २०१३ में सरकार बनेगी। जनता व कार्यकर्ताओं के अपार समर्थन से सरकार बनेगी। जनता ने भाजपा सरकार के विकास कार्यों को सराहा है, इसलिए जनता जनार्दन है वह सरकार भी बनाएगी। इस काम में जनता सरकार के कार्य का ध्यान रखेगी।
प्रश्न- विधायकों के प्रति असंतोष पर आपका क्या कहना है?
ह्न जो विधायक हैं, उनसे कहीं खुशी तो कहीं नाराजगी भी होगी। नाराज वे होंगे जिन्हें विधायक बनना है। खुश वे हैं जिन्हें पार्टी को जिताना है। विचारवान कार्यकर्ता न नाराज हैं और न ही दु:खी हैं।
प्रश्न - सरकार बनाने के लिए कुछ टिकट कटेंगे?
ह्न यह समय से बहुत पहले पूछा गया प्रश्न है। फिर भी इतना कह सकता हूं कि जीतने वाले छूटेंगे नहीं और हारने वाले को देंगे नहीं। इसके बाद भी सभी तो जीतेंगे नहीं। लेकिन तीन चौथाई बहुमत प्राप्त करने के सारे प्रयास किए जाएंगे।
प्रश्न-विधायकों के परफार्मेंस पर सर्वे कराया है?
ह्न मैं स्वयं एवं हमारे संगठन महामंत्री श्री मेनन जी व संभागीय संगठन मंत्री कागजों से ज्यादा प्रवास व संपर्क के सर्वे पर विश्वास करते हैं। कागजी सर्वे सहारा है। पार्टी न लावारिस है और ना ही बेसहारा है। पार्टी के सारे तंत्र विधिवत सक्रिय हैं और सारी स्थिति का आंकलन भी हो रहा है।
प्रश्न- कांगे्रस एकजुट होकर भाजपा को घेरने की तैयारी कर रही है। इसका बचाव कैसे करेंगे?
ह्न कांग्रेस के पास आरोप लगाने के सिवा कुछ नहीं है। कांगे्रस स्वयं आरोपित है और जनश्रापित है। जनश्रापित कांगे्रस आंतरिक कलह के कोलाहल से जूझ रही है। कांगे्रस की हालत के लिए यह उदाहण पर्याप्त है कि लोकसभा में सोनिया गांधी, मनमोहन ंिंसंह, प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में तेलंगाना के मुदद्े पर कांगे्रस के ८ सांसदों ने अनुशासनहीनता की। इससे कांगे्रस की हालत का पता लगाया जा सकता है। कांगे्रस जमीर व जमीन दोनों खो चुकी है।
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