Posted by
Dr. Naveen anand joshi
rakt khol hi jata hai
रक्त खोल ही जाता है …..
चट्टानों से टकरा-टकरा, पानी ऊपर को जाता है ।
गीता का उपदेश कन्हैया, अर्जुन को समझाता है ।

दीख रहा सीमा पर अरिदल, भारत के वीरों जागो ।
सीमाओं की ओर चल पड़ो, टैंकों से गोले दागो ।
अपने मन के भाव जगा लो, माँ का स्नेह बुलाता है ।
गीता का उपदेश …..
धरा नाप लो गगन नाप लो, सागर की गहराई भी ।
गिरि गहवर जंगल मरूथर में, दुश्मन की तरूणाई भी ।
दूध छठी का याद करा दो जो भी आँख दिखाता है ।
गीता का उपदेश …..
जिसके हृदय बसा है साहस, बाजी वही पलटता है ।
सदी पराजय की कलियों में, जय का मोती पलता है ।
चन्द्रावत की शूरवीरता जीना हमें बताता है ।
गीता का उपदेश …..
बुझदिल को सुख देता जीवन, हिम्मत वाले को मरना ।
देश धर्म से बड़ा न जीवन, इसकी खातिर क्यों डरना ।
जयचन्दों की गाथायें सुन रक्त खौल ही जाता है ।
गीता का उपदेश …..
गीता का उपदेश कन्हैया, अर्जुन को समझाता है ।

दीख रहा सीमा पर अरिदल, भारत के वीरों जागो ।
सीमाओं की ओर चल पड़ो, टैंकों से गोले दागो ।
अपने मन के भाव जगा लो, माँ का स्नेह बुलाता है ।
गीता का उपदेश …..
धरा नाप लो गगन नाप लो, सागर की गहराई भी ।
गिरि गहवर जंगल मरूथर में, दुश्मन की तरूणाई भी ।
दूध छठी का याद करा दो जो भी आँख दिखाता है ।
गीता का उपदेश …..
जिसके हृदय बसा है साहस, बाजी वही पलटता है ।
सदी पराजय की कलियों में, जय का मोती पलता है ।
चन्द्रावत की शूरवीरता जीना हमें बताता है ।
गीता का उपदेश …..
बुझदिल को सुख देता जीवन, हिम्मत वाले को मरना ।
देश धर्म से बड़ा न जीवन, इसकी खातिर क्यों डरना ।
जयचन्दों की गाथायें सुन रक्त खौल ही जाता है ।
गीता का उपदेश …..
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