एक लाख करोड़ की धनराशि न खर्च सके

शहरी विकास, जल संसाधन और ऊर्जा जैसे मंत्रालयों की योजना व्यवस्था में कमियों के चलते भारत को विदेशों से मिली 1 लाख करोड़ रूपये की सहायता राशि का इस्तेमाल नहीं हो सका है । यह जानकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की संसद को दी गई ताजा रिपोर्ट में दी गयी है ।
रिपोर्ट में कहा है ‘‘ 31 मार्च, 2010 तक देश मिले विदेशी सहायता राशि में से 1,05,399 करोड़ रूपये का इस्तेमाल नहीं कर पाया है ।’’ बहुपक्षीय और द्विपक्षीय ऋण प्रदाता एजेंसियों द्वारा दिये गये धन के समय से इस्तेमाल नहीं करने की एवज में सरकार को 2009-10 के दौरान 86.11 करोड़ रूपये का जुर्माना देना पड़ा । रिपोर्ट में 16 विभागों से संबंधित क्षेत्रों की पहचान की गई है, जो विदेशी सहायता राशि के तौर पर मिले 1.05 लाख करोड़ रूपये का इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं । इन क्षेत्रों में शहरी विकास (23,883 करोड़ रूपये), सड़क (11,617 करोड़ रूपये) कृषि और ग्रामीण विकास (9,557 करोड़ रूपये), जलापूर्ति और साफ-सफाई (8,995 करोड़ रूपये) और बिजली (7,949 करोड़ रूपये) के अलावा रेलवे, स्वास्थ्य, पर्यावरण और वन, परमाणु ऊर्जा और ग्रामीण विकास क्षेत्र शामिल हैं ।
भारत को विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और जापान, फ्रांस तथा जर्मनी जैसे विकसित देशों से वित्तीय सहायता मिलती है । रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने इस सहायता से जुड़ी प्रतिबंधतायें पूरी न होने के कारण वर्ष 2009-10 के दौरान 53.26 करोड़ रूपये एडीबी और 27.28 करोड़ रूपये विश्व बैंक को जुर्माना चुकाया ।

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