वृध्दजनों का सहयोग लिया जायेगा अब सकारी स्कूलों में
डॉ नवीन जोशी
भोपाल।
अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वृध्दजनों का पठन-पाठन, खेलकूद, पेंटिंग आदि में सहयोग लिया जायेगा। ऐसा राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण आयोग की सिफारिशों पर पहली बार किया जा रहा है। इस संबंध में राज्य सरकार ने लोक शिक्षण संचालनालय के माध्यम से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये हैं।
निर्देशों में सात बिन्दुओं पर कार्यवाही करने के लिये कहा गया है। एक, सरकारी विद्यालयों में खेलकूद, पेंटिंग आदि शैक्षणत्तेर गतिविधियों में वरिष्ठ नागरिकों का सहयोग लिया जाये। दो, स्कूल शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुये शिक्षक/अधिकारी/कर्मचारियों के सेवानुभवों का शिक्षा के क्षेत्र में अधिकाधिक लाभ लेने हेतु विद्यालय स्तर पर परामर्शी समिति बनाई जाये तथा उसकी अनुशंसाओं पर नियमानुसार कार्यवाही की जाये। तीन, ग्रीष्मकाल में शाला भवन में अगली कक्षा हेतु नि:शुल्क शिक्षा देने हेतु वृध्दजनों को आग्रह किया जाये तथा वर्ष भर भी अप्रवेशी छात्रों के प्रवेश तथा जिन छात्रों का अध्ययन स्तर न्यून है उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन देने हेतु वरिष्ठजनों का सहयोग लिया जाये। चार, स्कूलों के आस-पास के क्षेत्रों में निवासरत वृध्द महिला/पुरुष जो किसी न किसी कला में निपुण हैं, उन्हें स्कूली बच्चों के साथ समय-समय पर परिचर्चा हेतु आमंत्रित किया जाये। पांच, बुजुर्गों का शैक्षिक तथा शैक्षणेत्तर गतिविधियों के विकास में मानव संसाधन के रुप में उपयोग किया जाये। स्थानीय स्तर पर रहने वाले पूर्व छात्रों को शालाओं में सहयोग देने की दृष्टि से पुराने विद्यार्थियों के संगठन बनाये जायें। छह, कक्षा 9 वीं से 12 वीं के छात्र एवं छात्राओं को प्रार्थना सभा में प्रतिदिन दैनिक समाचार,स्थानीय, प्रादेशिक, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय समाचारों की जानकारी वृध्दजन दें ऐसी व्यवस्था की जाये। सात, शाला में नियमित अंतराल से शिक्षकों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किये जायें। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग से आवश्यक समन्वय स्थापित किया जाये।
सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से इन निर्देशों का पालन प्रतिवेदन पन्द्रह दिवस के अंदर भेजने के लिये कहा गया है।
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