‘शिव‘‘ की जटाओं से कब बाहर आयेगी ‘‘गंगा‘‘


अफसरों की लेतलाली से अटका स्कूली नया पाठ्यक्रम
मंत्री से लेकर विधायक तक सभी नाराज
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डाॅ. नवीन आनन्द जोशी
भोपाल/मध्य प्रदेश में कक्षा 9 से 11 के स्कूली पाठ्यक्रम के उन्नयन का सपना अफसरों के ढीले रवैये ने तोड़ दिया है, फिलहाल यह 2016 के स्थान पर 2017 से लागू होने की उम्मीद में है, मगर सरकार के मंत्री और विधायक सभी अपने सरकारी तंत्र से खफा हैं। आज विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मौजूद पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान विधायक श्रीमती अर्चना चिटनीस ने भी माना कि यदि पाठ्यक्रम निर्धारण समिति ने समय पर पाठ्यक्रम बदलाव की पांडुलिपि राज्य शिक्षा केन्द्र को सौंप दी थी तो पाठ्यक्रम प्रकाशन में विलम्बं क्यो हुआ है इसकी जांच होनी चाहिए। इस प्रतिनिधि से चर्चा के दौरान श्रीमती चिटनीस ने यह भी कहा कि मैं स्वयं मुख्यमंत्री जी की जानकारी में पूरा मामला लाऊँगी और चाहती हूँ कि इसी शैक्षणिक सत्र से पाठ्यक्रम लागू हो।
गौरतलब है कि स्वदेश इंदौर ने एक अभियान के तहत पाठ्यक्रम उन्नयन (सीबीएसई के पैटर्न) पर अपना विशेष योगदान देते हुए बीते दिनों से तथ्यात्मक और खोजपूर्ण समाचार एवं अग्रलेख प्रकाशित किये हैं जिसे अब सरकार और संगठन में गम्भीरता के साथ लिया जा रहा है। राज्य के शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि पाठ्यक्रम में बदलाव वर्ष 2016 के सत्र से प्रारंभ हो इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने पूरी तत्परता के साथ चरणबद्ध योजना विभाग को दी थी, किन्तु यदि अभी तक पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन नये पाठ्यक्रमानुसार नही हो पाया है यह आश्चर्य का विषय है। श्री जोशी के अनुसार इस सम्बंध में विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा कर ठोस परिणाम निकाले जायेंगे। भाजपा के विधायक  जसवंतसिंह हाड़ा ने भी माना कि पाठ्यक्रम में विलम्ब से बच्चों के भविष्य के साथ न्याय नही कर पायेंगे। निर्दलीय विधायक दिनेश राय ने स्वदेश से कहा कि यदि अपने पाठ्यक्रम को सरकार ही समय पर लागू नही करवा पा रही है तो इसे असफलता ही करार दिया जायेगा। प्रशासनिक तंत्र में ढीली पकड़ का यह बड़ा उदाहरण है। भाजपा के ही एक अन्य विधायक बेलसिंह भूरिया ने भी अफसरों की लालफिताशाही को विकास में अवरोध बताते हुए इसे मुख्यमंत्री को बदनाम करने की साजिश का हिस्ता बताया। काँग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने भी पाठ्यक्रम में विलम्ब को बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा कि यदि ‘‘शिव’’ की जटाओं से ‘‘गंगा’’ धरा पर नही आ पा रही तो इसमे तंत्र के साथ उनका खुद का आत्मविश्वास भी डगमगाएगा। वहीं भाजपा के विधायक इंजी. प्रदीप लारिया ने प्रशासनिक अधिकारियों की निरंकुशता का नमूना बताते हुए इसमे लिप्त सभी दोषियों को दंडित करने की मांग भी कर डाली।

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