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पाकिस्तान यानि कुत्ते की टेढ़ी पूँछ

डाॅ0 नवीन आनन्द
हाल ही में भारतीय सेना की इंटेलिजेंस कोर ने सीमापार से जो रेडियो संदेश पकड़े हैं उनके अनुसार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर से आतंकवादियों को रास्ता दिखाने वाले और सीमा पार करवाने वाले ‘‘भाड़े के टट्टुओं’’ यानी गाइडों का भत्ता चार गुना बढ़ा दिया है । पहले एक बार आतंकवादियों के गुट को सीमा पार करवाने पर गाइड को 25,000 रूपये मिलते थे, लेकिन अब आईएसआई ने इसे बढ़ाकर सीधे एक लाख रूपये कर दिया है ।
विगत कुछ माह से भारतीय सेना ने जिस प्रकार आतंकवादियों पर अपना शिकंजा कसा है और आतंकवादियों के घुसने के रास्तों पर चैकसी बढ़ाई है उसे देखते हुए घुसपैठ में काफी कमी आई है । इसीलिए आईएसआई को अपने कश्मीरी गाइडों का भत्ता बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा है । अमूमन गर्मियों में जब बर्फ पिघलती है तब भारी संख्या में आतंकवादी भारत में घुसने में कामयाब हो जाते हैं । जबकि ठण्ड में बर्फबारी की वजह से कई पहाड़ी रास्ते बन्द हो जाते हैं । परन्तु इन गर्मियों में पाकिस्तान को आतंकवादी इधर ठेलने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि भारतीय सुरक्षा बलों ने छोटे छोटे रास्तों पर जमकर पहरेदारी की है और जंगल में चरवाहों के भेष में भटकने वाले गाइडों को खदेड़ दिया है । मजबूरी में आईएसआई ने एक फेरे की फीस बढ़ाकर एक लाख कर दी है फिर भी उन्हें गाइड आसानी से नहीं मिल रहे हैं।
खुफिया सूचना के अनुसार इस समय पाक के अनाधिकृत कब्जे वाले कश्मीर में लगभग 45 ट्रेनिंग कैम्प चल रहे हैं, जिसमें 2000 आतंकवादी भारत में घुसने का इंतजार कर रहे हैं । आईएसआई को इन्हें खिलाना-पिलाना और पालना-पोसना महंगा पड़ता जा रहा है । भारतीय सुरक्षा बलों ने ऊँची-ऊँची पहाडि़यों पर स्थित रास्तों को खतरनाक आतंकवादियों के लिए मुश्किल बना दिया है । लेकिन आईएसआई और पाकिस्तान, कुत्ते की उस टेढ़ी पूँछ के समान हैं जिसे 25 साल तक एक सीधी नली में डालकर भी रखा जाये तब भी बाहर निकालने पर टेढ़ी ही रहेगी ।

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